बृहस्पति देव जी की आरती,Brihaspati dev ji ki aarti song lyrics

            

                             बृहस्पति देव जी  की आरती 


ॐ जय बृहस्पति देवा           स्वामी जय बृहस्पति देवा  छिन- छिन भोग लगाऊं -2     कदली फल मेवा

जय बृहस्पति देवा,-2 

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी     स्वामी तुम अंतर्यामीजगतपिता जगदीश्वर, जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामीॐ जय बृहस्पति देवा
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता,    स्वामी सब पातक हर्तासकल मनोरथ दायक , सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ताॐ जय बृहस्पति देवा
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े   स्वामी जो जन शरण पड़ेप्रभु प्रकट तब होकर ,प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़ेॐ जय बृहस्पति देवा
दीनदयाल दयानिधि भक्तन हितकारी,   स्वामी भक्तन हितकारीपाप दोष सब हर्ता,  पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारीॐ जय बृहस्पति देवा

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारी,   स्वामी सब संशय हारीविषय विकार मिटाओ, विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारीॐ जय बृहस्पति देवा
जो कोई तुम्हरी आरती, प्रेम सहित गावे, स्वामी प्रेम सहित गावेउर आनंद समावे,उर आनंद समावे, पाप उतर जावे 
ॐ जय बृहस्पति देवा
स्वामी जय बृहस्पति देवा,   छिन- छिन भोग लगाऊंछिन- छिन भोग लगाऊं,  कदली फल मेवाॐ जय बृहस्पति देवा
बोलिए बिष्णु भगवान की, जयबोलो बृहस्पति देव की, जय

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